
Bhai Dooj (Yamadwitiya) 2025: प्यार और सुरक्षा का त्यौहार
Bhai Dooj (Yamadwitiya) 2025 : भारत की सांस्कृतिक धरोहर में भाई-बहन का रिश्ता सबसे सुंदर और भावनात्मक बंधनों में से एक माना गया है। दीपावली के दो दिन बाद आने वाला भाई दूज (Yamadwitiya) इसी रिश्ते के प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का पर्व है।
इस दिन बहनें अपने भाइयों के दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं, और भाई बहन की रक्षा का वचन देते हैं। यह त्यौहार दीपावली के उत्सव को पूर्णता प्रदान करता है।
🕉️ पौराणिक कथा: यमराज और यमुना की दिव्य कहानी
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर मिलने गए।
यमुना ने उनका तिलक किया, आरती उतारी और प्रेमपूर्वक भोजन कराया।
यमराज उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर बोले –
“जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे यम का भय नहीं रहेगा।”
तब से यह दिन यमद्वितीया के रूप में मनाया जाने लगा। इस कथा के माध्यम से भाई दूज का संदेश है — प्रेम और सम्मान ही सच्ची रक्षा है।

📅 भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- भाई दूज की तिथि: 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
- द्वितीया तिथि प्रारंभ: 22 अक्टूबर 2025, रात्रि 11:58 बजे
- द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर 2025, रात्रि 10:35 बजे
शुभ मुहूर्त: सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:20 बजे तक भाई-बहन एक-दूसरे का तिलक कर सकते हैं।
🪔 भाई दूज पूजा विधि (Puja Vidhi)
- स्नान और तैयारी: प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल तैयार करें: थाली में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई और नारियल रखें।
- भाई का तिलक करें: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर आरती उतारें।
- भोजन और उपहार: भाई बहन के हाथों का बना भोजन ग्रहण करे और उपहार देकर आशीर्वाद ले।
- प्रार्थना: यमराज और यमुना की पूजा करें और सुख-शांति की कामना करें।
💞 भाई दूज का महत्व (Significance)
- यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
- भाई दूज का संबंध दीपावली पर्व श्रृंखला से भी है, जो प्रकाश, अच्छाई और एकता का संदेश देता है।
- यह त्योहार हमें सिखाता है कि परिवार के रिश्ते भौतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक बंधन से जुड़े हैं।
आज के युग में जब लोग दूर-दराज रहते हैं, भाई दूज का यह पर्व दिलों की दूरी मिटाने और अपनापन बढ़ाने का सबसे सुंदर अवसर बन गया है।
🌺 भाई दूज 2025 पर शुभ कार्य
✅ बहनें भाई को तिलक करें और यमुना-जल से स्नान करवाने की परंपरा निभाएँ।
✅ भाई बहन को उपहार, मिठाई या वस्त्र देकर स्नेह प्रकट करें।
✅ इस दिन दान-पुण्य करना भी शुभ माना जाता है।
❌ किसी प्रकार का विवाद या कठोर शब्दों से बचें।
❌ तिलक या पूजा बिना स्नान के न करें।
✨ आधुनिक युग में भाई दूज का स्वरूप
डिजिटल युग में भी भाई दूज की परंपरा जीवित है। आज कई परिवार ऑनलाइन वीडियो कॉल या वर्चुअल तिलक के जरिए यह पर्व मनाते हैं। उपहार भेजने और शुभकामनाएँ देने के तरीक़े बदल गए हैं, पर प्यार और सम्मान का भाव आज भी उतना ही गहरा है।
🌻 निष्कर्ष
Bhai Dooj (Yamadwitiya) 2025 सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि पारिवारिक बंधन और संस्कारों का उत्सव है।
यह हमें याद दिलाता है कि प्रेम, आशीर्वाद और पारिवारिक एकता ही जीवन की सच्ची संपत्ति हैं।
आप सभी को भाई दूज (यमद्वितीया) 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
भाई-बहन का यह पवित्र बंधन सदा अमर रहे। 💖
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आप सभी को भाई दूज (यमद्वितीया) 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
भाई-बहन का यह पवित्र बंधन सदा अमर रहे। 💖