Kiska lahraega parcham? kiski Hogi Jeet? हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024
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Kiska lahraega parcham? kiski Hogi Jeet?हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 इस बार खासा चर्चा में है, क्योंकि यह चुनाव राज्य की राजनीतिक दिशा को बदलने की संभावना रखता है। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी नए जोश के साथ मैदान में उतरी है। एग्ज़िट पोल के अनुसार, इस बार कांग्रेस पार्टी को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ती नजर आ रही है।
हरियाणा की राजनीतिक पृष्ठभूमि
हरियाणा की राजनीति हमेशा से ही प्रतिस्पर्धात्मक और पेचीदा रही है। 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में सरकार बनाई थी, तब राज्य में भाजपा का उभार देखा गया। इसके बाद 2019 के चुनावों में भी बीजेपी ने जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी।
लेकिन इस बार के चुनाव में परिदृश्य काफी बदल चुका है। एक दशक से ज्यादा समय से सत्ता में काबिज बीजेपी के सामने कांग्रेस एक मजबूत चुनौती के रूप में उभरकर आई है।
एग्ज़िट पोल के संकेत
2024 के हरियाणा चुनावों में एग्ज़िट पोल के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में 50 से 58 सीटें मिल सकती हैं, जो उसे सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत दे सकती हैं। दूसरी ओर, बीजेपी को सिर्फ 20 से 28 सीटों पर सीमित होने का अनुमान है। कांग्रेस का वोट शेयर 44% तक जा सकता है, जबकि बीजेपी का वोट शेयर घटकर 37% तक सिमट सकता है।
जेजेपी और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का प्रदर्शन कमजोर नजर आ रहा है। जेजेपी, जिसने पिछली बार बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, इस बार 0-2 सीटें ही जीतने की स्थिति में है। इसी तरह, आप (आम आदमी पार्टी) और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों को 10 से 14 सीटें मिलने की संभावना है।
कांग्रेस की रणनीति
इस चुनाव में कांग्रेस ने अपनी रणनीति में कई बड़े बदलाव किए हैं। पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया और बीजेपी के खिलाफ सीधा मुकाबला करने की योजना बनाई। हरियाणा के ग्रामीण और शहरी इलाकों में कांग्रेस ने अपने प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारा और स्थानीय मुद्दों पर जोर दिया। पार्टी ने किसानों, मजदूरों, युवाओं और महिलाओं के मुद्दों को प्राथमिकता दी है, जो राज्य की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
कांग्रेस ने मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और किसानों की समस्याओं को मुद्दा बनाया है। इसके अलावा, पार्टी ने किसानों के लिए कर्ज माफी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का वादा किया है।
बीजेपी की चुनौतियां
बीजेपी के लिए इस चुनाव में चुनौतियां बढ़ी हैं। राज्य में सत्ता विरोधी लहर और जनता के बीच असंतोष ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। मनोहर लाल खट्टर सरकार के दौरान कुछ ऐसे मुद्दे उठे हैं, जिन पर जनता का गुस्सा सामने आया है, जैसे कि बेरोजगारी, कृषि कानून और भ्रष्टाचार के आरोप। इन मुद्दों ने बीजेपी के लिए परिस्थितियों को जटिल बना दिया है।
इसके अलावा, बीजेपी का सबसे बड़ा सहयोगी दल जेजेपी भी कमजोर नजर आ रहा है, जिससे बीजेपी के लिए सरकार बनाने की संभावनाएं कम होती दिख रही हैं। बीजेपी की ओर से प्रमुख नेता और हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने दावा किया है कि “BJP हरियाणा में सरकार बनाएगी,” लेकिन एग्ज़िट पोल के आंकड़े इस दावे का समर्थन करते नजर नहीं आ रहे हैं।
जेजेपी और अन्य क्षेत्रीय दलों का कमजोर प्रदर्शन
2019 के चुनावों में जेजेपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन इस बार यह गठबंधन टूट चुका है और जेजेपी कमजोर स्थिति में दिखाई दे रही है। एग्ज़िट पोल के अनुसार, जेजेपी को 0-2 सीटों पर सिमटने का अनुमान है, जो 2019 की तुलना में बड़ी गिरावट है। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) जैसी पार्टियां भी अपेक्षानुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं।
राज्य की प्रमुख चुनावी मुद्दे
हरियाणा चुनाव 2024 में प्रमुख मुद्दे बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और राज्य के आर्थिक विकास से संबंधित रहे हैं। राज्य में किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। किसानों का विरोध, विशेषकर कृषि कानूनों को लेकर, पिछले कुछ वर्षों में सरकार के खिलाफ व्यापक असंतोष का कारण रहा है।
इसके अलावा, बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा रही है। हरियाणा में युवाओं के बीच नौकरी की कमी के कारण कांग्रेस ने रोजगार के मुद्दे को चुनावी मंच पर जोर-शोर से उठाया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में नौकरी के नए अवसर पैदा करने और युवाओं को रोजगार प्रदान करने का वादा किया है।
चुनावी मुद्दे
इस बार हरियाणा चुनाव 2024 में कई प्रमुख मुद्दे सामने आए हैं, जो चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने वाले हैं:
- बेरोजगारी और रोजगार: हरियाणा में युवाओं के बीच बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। राज्य में औद्योगिक विकास की गति धीमी रही है, और बेरोजगार युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने का वादा किया है, जबकि बीजेपी सरकार ने दावा किया है कि उसने अपने कार्यकाल के दौरान लाखों नौकरियाँ प्रदान की हैं।
- किसान आंदोलन और कृषि कानून: हरियाणा एक प्रमुख कृषि राज्य है, और पिछले वर्षों में हुए किसान आंदोलन ने यहाँ की राजनीति पर गहरा असर डाला है। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों का किसानों ने भारी विरोध किया, और इसका असर बीजेपी की लोकप्रियता पर पड़ा। कांग्रेस ने किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है, और पार्टी ने वादा किया है कि वह किसानों के कर्ज माफ करेगी और उनके लिए नई योजनाएं लेकर आएगी।
- जातिगत समीकरण: हरियाणा की राजनीति में जातिगत समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जाट समुदाय यहाँ का एक प्रमुख वोट बैंक है, और कांग्रेस इस बार इस समुदाय को साधने में सफल होती दिख रही है। दूसरी ओर, बीजेपी ने गैर-जाट वोटों पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन एग्ज़िट पोल के अनुसार, इस बार कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
- भ्रष्टाचार के आरोप: मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भी इस चुनाव में बड़ा मुद्दा बने हुए हैं। कांग्रेस ने इन आरोपों को प्रमुखता से उठाया है और सरकार को आड़े हाथों लिया है।
सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण
हरियाणा की राजनीति में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जाट समुदाय हरियाणा के चुनावों में महत्वपूर्ण वोट बैंक है, और इस बार कांग्रेस ने इस समुदाय को साधने की कोशिश की है। वहीं बीजेपी ने गैर-जाट वोटों पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन एग्ज़िट पोल से पता चलता है कि कांग्रेस इस समीकरण में आगे निकल गई है।
कांग्रेस की बढ़ती ताकत
कांग्रेस की बढ़त के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, पार्टी ने एक मजबूत और एकजुट चुनावी रणनीति अपनाई है। कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं ने मिलकर पार्टी को एकजुट रखा है, जिससे जनता के बीच कांग्रेस की छवि सकारात्मक हुई है। इसके अलावा, बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर और किसानों व युवाओं के मुद्दों पर कांग्रेस का ध्यान केंद्रित करना भी पार्टी के पक्ष में गया है।
बीजेपी की संभावनाएं
हालांकि एग्ज़िट पोल कांग्रेस की बढ़त की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी पूरी तरह से हार मानने को तैयार नहीं है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने विश्वास जताया है कि पार्टी हरियाणा में फिर से सरकार बनाएगी। बीजेपी का मानना है कि अंतिम परिणाम उसके पक्ष में होंगे और एग्ज़िट पोल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
निष्कर्ष: Kiska lahraega parcham? kiski Hogi Jeet?
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे जल्द ही आने वाले हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि किस Kiska lahraega parcham?पार्टी का परचम लहराएगा। एग्ज़िट पोल कांग्रेस की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी अभी भी अपनी संभावनाओं को लेकर आशान्वित है। जनता का फैसला ही अंततः तय करेगा कि हरियाणा की बागडोर किसके हाथ में होगी।
अंततः, यह चुनाव हरियाणा की राजनीतिक दिशा को बदलने वाला साबित हो सकता है। कांग्रेस की बढ़त ने बीजेपी के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, लेकिन राजनीति में आखिरी क्षणों में कुछ भी संभव है।