Vijayadashami 2025: इतिहास, महत्व, तिथि, उत्सव और परंपराओं की संपूर्ण जानकारी

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Vijayadashami : विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख और प्राचीनतम हिंदू त्योहारों में से एक है। यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। यह नवरात्रि का अंतिम दिन होता है और उसके बाद शरद पूर्णिमा का आगमन होता है।

विजयदशमी 2025 में यह पर्व विशेष महत्व रखेगा क्योंकि यह गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन उत्तर भारत में रावण दहन, पूर्वी भारत में दुर्गा विसर्जन, महाराष्ट्र में शमी पूजन, दक्षिण भारत में आयुध पूजा और विद्याअारंभ तथा नेपाल में दशैं का उत्सव मनाया जाएगा।


📅 Vijayadashami विजयदशमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • पर्व की तिथि: गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025
  • दशमी तिथि प्रारंभ: 01 अक्टूबर 2025, शाम 05:49 बजे
  • दशमी तिथि समाप्त: 02 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:26 बजे
  • विजय मुहूर्त / अपराह्न पूजन: दोपहर 01:34 बजे से 03:52 बजे तक

(नोट: स्थानीय पंचांग और सूर्योदय–सूर्यास्त के आधार पर समय में भिन्नता संभव है।)


🕉️ Vijayadashami विजयदशमी का अर्थ

संस्कृत शब्द विजयदशमी दो भागों से मिलकर बना है:

  • विजय = जीत / विजय प्राप्त करना
  • दशमी = दसवां दिन

इस प्रकार विजयदशमी का अर्थ है “विजय प्राप्त करने वाला दसवां दिन।”

भारत में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

  • दशहरा / दशहरा (उत्तर और पश्चिम भारत)
  • दुर्गा विसर्जन (बंगाल, ओडिशा, असम)
  • आयुध पूजा / विद्याअारंभ (दक्षिण भारत)
  • दशैं (नेपाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत)

📖 Vijayadashami विजयदशमी का इतिहास और पौराणिक कथाएँ

1. रामायण से जुड़ी कथा

रामायण के अनुसार रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था। भगवान राम ने 9 दिनों तक युद्ध किया और दशमी तिथि के दिन रावण का वध कर दिया। इसीलिए उत्तर भारत में रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव मनाया जाता है।

2. देवी महात्म्य और महिषासुर मर्दिनी

देवी महात्म्य के अनुसार असुरराज महिषासुर ने वरदान पाकर तीनों लोकों में आतंक फैलाया। देवताओं ने मिलकर माँ दुर्गा को उत्पन्न किया। माँ दुर्गा ने 9 रातों तक युद्ध कर दशमी को उसका वध किया। यही कारण है कि बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में दुर्गा विसर्जन इसी दिन होता है।

3. महाभारत से संबंध

पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने शस्त्र शमी वृक्ष में छुपा दिए थे। अज्ञातवास समाप्त होने पर उन्होंने विजयदशमी के दिन वही शस्त्र वापस लिए। तभी से शमी पूजन की परंपरा है।

4. प्राचीन राजधर्म में महत्व

कौटिल्य के अर्थशास्त्र में विजयदशमी को युद्ध प्रारंभ करने का शुभ दिन माना गया है।


✨ Vijayadashami विजयदशमी का महत्व

  • धर्म की जीत: यह दिन यह संदेश देता है कि धर्म की हमेशा जीत होती है।
  • आत्मिक शुद्धि: नवरात्रि के उपवास और साधना का समापन आत्मबल और पवित्रता लाता है।
  • नए कार्यों की शुरुआत: इस दिन व्यवसाय, शिक्षा या विवाह जैसे शुभ कार्य आरंभ किए जाते हैं।
  • शक्ति की आराधना: यह पर्व स्त्री शक्ति और मातृशक्ति के महत्व को दर्शाता है।
  • सामाजिक एकता: यह त्योहार लोगों को एकजुट कर सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करता है।

🌍Vijayadashami विजयदशमी 2025: भारत और विश्व में उत्सव

1. उत्तर भारत – रामलीला और रावण दहन

  • दिल्ली, अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ और बिहार में भव्य रामलीला का मंचन होता है।
  • शाम को रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन किए जाते हैं।
  • आतिशबाज़ी और झांकियों के साथ हजारों लोग इसका आनंद लेते हैं।

2. बंगाल, असम और ओडिशा – दुर्गा विसर्जन

  • माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का गाजे-बाजे के साथ विसर्जन किया जाता है।
  • विवाहित महिलाएँ सिंदूर खेला करती हैं।
  • भक्त माँ दुर्गा से अगले वर्ष पुनः आने की प्रार्थना करते हैं।

3. महाराष्ट्र – शमी पूजन और सोने की पत्तियाँ बांटना

  • लोग शमी वृक्ष की पूजा करते हैं और इसकी पत्तियाँ एक-दूसरे को सोना मानकर भेंट करते हैं।
  • इसे समृद्धि और विजय का प्रतीक माना जाता है।

4. दक्षिण भारत – आयुध पूजा और विद्याअारंभ

  • औज़ार, वाहन, पुस्तकें और हथियार सजाकर पूजे जाते हैं।
  • केरल और तमिलनाडु में बच्चों को शिक्षा का पहला पाठ पढ़ाया जाता है, जिसे विद्यारंभम कहते हैं।
  • घरों में कोलू (गुड़ियों की सजावट) की परंपरा भी होती है।

5. नेपाल – दशैं

  • नेपाल का सबसे बड़ा पर्व है।
  • बड़े-बुजुर्ग छोटे सदस्यों को टीका और जौ का अंकुर (जमारा) लगाकर आशीर्वाद देते हैं।
  • पूरा देश उत्सवमय वातावरण में डूबा रहता है।

🪔 Vijayadashami विजयदशमी की परंपराएँ और रीति-रिवाज

  • उपवास और पूजन का समापन
  • शमी वृक्ष और शस्त्र पूजा
  • रावण दहन
  • दुर्गा विसर्जन और सिंदूर खेला
  • विद्यारंभम – बच्चों का शिक्षा आरंभ
  • आयुध पूजा – औज़ारों और साधनों का पूजन

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🧘 आधुनिक जीवन में विजयदशमी का संदेश

  • अपने भीतर के क्रोध, अहंकार, लोभ और ईर्ष्या जैसे राक्षसों का नाश करना।
  • स्त्री शक्ति का सम्मान करना।
  • शिक्षा और ज्ञान के पथ पर अग्रसर होना।
  • धर्म, सत्य और न्याय का पालन करना।
  • समाज में एकता और सद्भाव बनाए रखना।

🌐 विश्व में विजयदशमी का उत्सव

  • अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा: भारतीय समुदाय द्वारा रामलीला और दुर्गा पूजा आयोजित होती है।
  • मॉरीशस और फिजी: बड़े स्तर पर रामलीला और रावण दहन किया जाता है।
  • नेपाल: दशैं राष्ट्रीय त्योहार है और वहाँ इसे 15 दिन तक मनाया जाता है।

📜 विजयदशमी से मिलने वाले जीवन के सबक

  1. सत्य की सदैव विजय होती है।
  2. अहंकार और अन्याय का नाश निश्चित है।
  3. शक्ति और धर्म का संतुलन जीवन के लिए आवश्यक है।
  4. स्त्री शक्ति का सम्मान समाज की प्रगति का आधार है।
  5. हर अंत एक नई शुरुआत है।

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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1. विजयदशमी और दशहरा में क्या अंतर है?
उत्तर: दोनों एक ही पर्व हैं। उत्तर भारत में इसे दशहरा और दक्षिण व पूर्वी भारत में विजयदशमी कहा जाता है।

प्रश्न 2. क्या इस दिन नए कार्य करना शुभ होता है?
उत्तर: हाँ, यह दिन शिक्षा, व्यवसाय और विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

प्रश्न 3. बंगाल और उत्तर भारत में इसे अलग तरह से क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: बंगाल में देवी दुर्गा की विजय का उत्सव होता है, जबकि उत्तर भारत में भगवान राम की विजय का।

✅ निष्कर्ष

विजयदशमी 2025, जो 2 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी, सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि जीवन दर्शन और सांस्कृतिक धरोहर है। यह हमें सिखाती है कि चाहे रावण कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः राम की विजय ही होती है। चाहे महिषासुर कितना भी बलशाली हो, माँ दुर्गा की शक्ति के आगे उसका अंत निश्चित है।

आज के युग में विजयदशमी हमें प्रेरणा देती है कि हम अपने भीतर के रावण को जलाएँ और सत्य, धर्म, करुणा और ज्ञान के पथ पर चलें। यही इस पर्व का सच्चा संदेश है।

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!! आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

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