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Waqf Amendment Act 2025
Waqf Amendment Act 2025
आदेश की तारीख: 15 सितंबर 2025
पीठ: भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ए. जी. मसीह
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए कई विवादित प्रावधानों को रोक दिया, जबकि कुछ को यथावत रखा। यह फैसला धार्मिक स्वतंत्रता और प्रशासनिक पारदर्शिता—दोनों के बीच संतुलन स्थापित करता है।
Waqf Amendment Act 2025
1️⃣ संशोधन का पृष्ठभूमि
2025 में संसद द्वारा पारित यह संशोधित कानून—जिसे अब इंटीग्रेटेड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट कहा जाता है—में मुख्य बदलाव शामिल थे:
- सभी वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य पंजीकरण और जीआईएस मैपिंग।
- केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम और महिलाओं का प्रतिनिधित्व।
- सरकारी अधिकारी को यह तय करने का अधिकार कि वक्फ संपत्ति सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रही है या नहीं।
- वक्फ बनाने के लिए व्यक्ति का कम से कम पांच वर्ष तक इस्लाम का पालन करने की शर्त।
इन्हीं प्रावधानों को कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं—जैसे एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आदि—ने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी।
Waqf Amendment Act 2025
2️⃣ सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश
प्रावधान | कोर्ट का फैसला | कारण |
---|---|---|
पांच साल इस्लाम का पालन शर्त (धारा 3(1)(r)) | रोक जब तक राज्य सरकारें स्पष्ट नियम न बनाएँ। | मनमाने निर्णय को रोकने के लिए। |
कलेक्टर को अतिक्रमण तय करने का अधिकार | रोक। | व्यक्तिगत संपत्ति अधिकार पर कार्यपालिका का निर्णय असंवैधानिक। |
गैर-मुस्लिम सदस्यों का प्रतिनिधित्व | सीमा के साथ बरकरार। केंद्रीय वक्फ परिषद: अधिकतम 4 गैर-मुस्लिम, प्रत्येक राज्य बोर्ड: अधिकतम 3 गैर-मुस्लिम। एक्स-ऑफिसियो सदस्य यथासंभव मुस्लिम होना चाहिए। | समावेशन और धार्मिक स्वरूप में संतुलन। |
वक्फ संपत्ति का अनिवार्य पंजीकरण | जारी। अंतिम समयसीमा बाद में घोषित होगी। | पूर्ववर्ती कानूनों (1995, 2013) में भी यह प्रावधान था। |
3️⃣ फैसले का महत्व
- धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा: पांच साल की शर्त और कलेक्टर अधिकार पर रोक से मुस्लिम समुदाय के अधिकार सुरक्षित।
- संतुलित प्रतिनिधित्व: सीमित गैर-मुस्लिम सदस्यता से पारदर्शिता बढ़ेगी, पर धार्मिक पहचान भी बनी रहेगी।
- प्रशासनिक राहत: पंजीकरण की नई समयसीमा से वक्फ संस्थाओं को तैयारी का समय मिलेगा।
4️⃣ आगे की राह
यह मामला अब बड़ी पीठ के पास जाएगा, जहां कानून की संवैधानिक वैधता पर अंतिम सुनवाई होगी। राज्यों को पांच साल की शर्त के लिए स्पष्ट नियम बनाने होंगे और केंद्र सरकार पंजीकरण की अंतिम तारीख घोषित करेगी।
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