Viksit Bharat Education Adhikshan Bill 2025 : 1 सिंगल रेगुलेटर से बदल जाएगी भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था

Viksit Bharat Education Adhikshan Bill 2025

Viksit Bharat Education Adhikshan Bill 2025

By Krishna Arya | Network Bharat
Website: https://networkbharat.com

Viksit Bharat Education Adhikshan Bill 2025 : भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था एक बड़े बदलाव की दहलीज़ पर खड़ी है। केंद्रीय कैबिनेट ने विकसित भारत शिक्षा अधीक्षण बिल 2025 को मंज़ूरी देकर उस सुधार की नींव रख दी है, जिसकी चर्चा पिछले कई वर्षों से हो रही थी। इस बिल का सबसे बड़ा उद्देश्य भारत में उच्च शिक्षा के लिए एक सिंगल रेगुलेटर की स्थापना करना है।

यह प्रस्ताव मौजूदा नियामक संस्थाओं — यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) — की जगह लेगा। सरकार इसे संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी में है।


🔍 क्या है विकसित भारत शिक्षा अधीक्षण बिल?

यह बिल पहले HECI (Higher Education Commission of India) के नाम से जाना जाता था। इसका मूल विचार यह है कि भारत में उच्च शिक्षा से जुड़े कई रेगुलेटर होने के कारण जो ओवरलैप, भ्रम और लालफीताशाही पैदा होती है, उसे खत्म किया जाए।

नया सिंगल रेगुलेटर:

  • शैक्षणिक मानकों का निर्धारण करेगा
  • संस्थानों की मान्यता (Accreditation) देखेगा
  • प्रोफेशनल और अकादमिक गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा

हालांकि मेडिकल और लॉ कॉलेज इसके दायरे से बाहर रहेंगे।


Viksit Bharat Education Adhikshan Bill 2025

🎓 UGC, AICTE और NCTE का क्या होगा?

प्रस्तावित व्यवस्था के तहत:

  • UGC, AICTE और NCTE की भूमिकाएं एकीकृत कर दी जाएंगी
  • अलग-अलग अप्रूवल की प्रक्रिया खत्म होगी
  • संस्थानों को एक ही मंच से नियमों का पालन करना होगा

यह बदलाव खासतौर पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी, तकनीकी संस्थान और शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों के लिए अहम माना जा रहा है।


🧠 NEP 2020 से कैसे जुड़ा है यह बिल?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने स्पष्ट रूप से सुझाव दिया था कि:

  • रेगुलेशन
  • मान्यता
  • अकादमिक स्टैंडर्ड
  • फंडिंग

इन सभी को अलग-अलग लेकिन स्पष्ट वर्टिकल्स में बांटा जाए।

विकसित भारत शिक्षा अधीक्षण बिल उसी विज़न को आगे बढ़ाता है, हालांकि फंडिंग की शक्ति अभी भी सरकार और संबंधित मंत्रालयों के पास रहने की संभावना है।


🕰️ सिंगल रेगुलेटर का विचार नया क्यों नहीं है?

  • 2018 में पहली बार HECI बिल का ड्राफ्ट आया
  • UGC अधिनियम को खत्म करने का प्रस्ताव था
  • अत्यधिक केंद्रीकरण के डर से विरोध हुआ
  • बिल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया

अब 2025 में, NEP 2020 के मजबूत आधार के साथ, सरकार ने इसे दोबारा पेश किया है।


⚖️ संभावित फायदे और चिंताएं

✅ फायदे

  • नियमों में सरलता
  • संस्थानों पर कम बोझ
  • तेजी से फैसले
  • बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण

⚠️ चिंताएं

  • अत्यधिक केंद्रीय नियंत्रण
  • अकादमिक स्वायत्तता पर असर
  • राज्यों की भूमिका सीमित होने का डर

🔮 आगे क्या?

अगर यह बिल संसद से पारित हो जाता है, तो:

  • भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से री-डिज़ाइन हो जाएगी
  • अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के लिए रास्ता आसान हो सकता है
  • विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को शिक्षा के ज़रिये मजबूती मिलेगी
National Education Policy 2020 – Official Portal
University Grants Commission (UGC)
Press Information Bureau – Education UpdatesWorld Human Rights Day 2025: Justice & Equality Explained
DRDO CEPTAM 11 Recruitment 2025: Full Details
RBI Summer Internship 2026: Eligibility & Apply

I am an experianced Content Writer with experiance of three Years. My content is thoroughly researched and SEO optimised.