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World Literacy Day 2025
World Literacy Day 2025 : हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day) मनाया जाता है। यह दिन केवल अक्षर-ज्ञान की बात नहीं करता, बल्कि हमें याद दिलाता है कि साक्षरता सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल सशक्तिकरण की आधारशिला है। यूनेस्को ने वर्ष 1967 से इस दिन को शिक्षा के सार्वभौमिक अधिकार और समान अवसरों के प्रतीक के रूप में स्थापित किया।
भारत में शिक्षा का महत्व केवल नौकरी या रोजगार पाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गरीबी, असमानता और पिछड़ेपन से बाहर निकलने की सबसे मजबूत कुंजी है। आइए जानते हैं, भारत की साक्षरता की वर्तमान स्थिति, डिजिटल प्रगति और भविष्य की राह।
World Literacy Day 2025
1. भारतीय साक्षरता – नवीनतम आंकड़े
1.1 राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति
Periodic Labour Force Survey (PLFS) 2023–24 के अनुसार:
- कुल साक्षरता दर (7 वर्ष और उससे ऊपर) 80.9% है।
- 5 वर्ष और उससे ऊपर के लिए यह 79.7% है।
यह आँकड़े दर्शाते हैं कि भारत ने शिक्षा में बड़ी प्रगति की है, लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश बाकी है।
1.2 राज्यवार और ग्रामीण-शहरी विभाजन
- Mizoram: 98.2% (सर्वोच्च)
- Lakshadweep: 97.3%
- ग्रामीण भारत: 77.5% (2011 के 67.7% से लगभग 10% वृद्धि)
- शहरी भारत: 88.9%
यह अंतर दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों को अभी भी विशेष ध्यान की आवश्यकता है।
1.3 लिंग-आधारित असमानता
राष्ट्रीय स्तर पर:
- पुरुष साक्षरता: 87.2%
- महिला साक्षरता: 74.6%
- अंतर: 12.6%
कुछ राज्यों में यह अंतर और गंभीर है:
- राजस्थान: पुरुष 85.9%, महिलाएं 65.8% (अंतर 20.1%)
- बिहार: पुरुष 82.3%, महिलाएं 66.1% (अंतर 16.2%)
- मध्य प्रदेश: पुरुष 83.1%, महिलाएं 67.0% (अंतर 16.1%)
World Literacy Day 2025
2. डिजिटल साक्षरता और तकनीकी समावेशन
2.1 PMGDISHA – ग्रामीण डिजिटल साक्षरता
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) के अंतर्गत मार्च 2024 तक 6.39 करोड़ ग्रामीण नागरिक डिजिटल प्रशिक्षण ले चुके हैं। यह शुरुआती लक्ष्य (6 करोड़) से अधिक है।
2.2 केरल – 100% डिजिटल साक्षरता
केरल भारत का पहला राज्य है जिसने 100% डिजिटल साक्षरता हासिल की है। 21.87 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर राज्य ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित किया।
2.3 मोबाइल तकनीक और डिजिटल व्यवहार
- 85.5% भारतीय परिवारों के पास कम से कम एक स्मार्टफोन है।
- युवाओं में 99.5% लोग UPI का उपयोग करते हैं।
- ASER 2024 रिपोर्ट के अनुसार, केरल (98.1%) और मिजोरम (97.9%) के छात्रों के घर मोबाइल उपलब्ध हैं।
2.4 साइबर साक्षरता की आवश्यकता
डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ ही साइबर धोखाधड़ी के मामले FY2024 में 4 गुना बढ़ गए।
- लोगों को लगभग $20 मिलियन का नुकसान हुआ।
- गुजरात जैसे राज्यों में केवल 17.7% लोग साइबर अपराध ऑनलाइन रिपोर्ट कर पाते हैं।
यह स्थिति बताती है कि डिजिटल साक्षरता के साथ-साथ साइबर साक्षरता भी आवश्यक है।
World Literacy Day 2025
3. केस स्टडीज़ और प्रभावशाली पहल
3.1 Andhra Pradesh का PAL (Personalized Adaptive Learning)
- छात्रों ने 17 महीनों में 1.9 साल के बराबर सीख हासिल की।
- 1,224 स्कूलों में 3.25 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हुए।
- यह सरकार और निजी संगठनों का सफल मॉडल है।
3.2 Ludhiana में NCLP केंद्रों का बंद होना
- 32 NCLP केंद्रों के बंद होने से शिक्षा और पुनर्वास प्रभावित हुआ।
- Fauji Mohalla जैसे क्षेत्रों में स्कूल नामांकन मात्र 3.7% रह गया।
यह चेतावनी है कि हस्तक्षेप बंद करने से अशिक्षा और गरीबी का चक्र और गहरा हो सकता है।
3.3 Room to Read प्रोग्राम
- 2023 के अध्ययन से पता चला कि यह कार्यक्रम मानव पूंजी और मानवाधिकार सिद्धांत के आधार पर बच्चों में साक्षरता बढ़ाने में मददगार है।
3.4 CRY और RILM परियोजना – COVID-19 के बाद
- जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में 4000 बच्चों का मूल्यांकन किया गया।
- परिणाम: पढ़ने और गणना की मूल क्षमताओं को ट्रैक और सुधारने के लिए नया स्कोरिंग मॉडल अपनाया गया।
World Literacy Day 2025
4. समावेशी शिक्षा और भविष्य की राह
4.1 ग्रामीण-शहरी असमानता कम करना
अध्ययन बताते हैं कि इस अंतर को कम करने में महिला शिक्षा, जन्म-दर में कमी और महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी अहम भूमिका निभाते हैं।
4.2 डिजिटल और AI-साक्षरता
भारत को AI-फ्रेंडली कार्यबल बनाने के लिए:
- विशेष कौशल विकास कार्यक्रम
- व्यावहारिक प्रशिक्षण
- MSMEs तक पहुँच
- महिलाओं और ग्रामीण समुदायों में डिजिटल भागीदारी
को बढ़ाना जरूरी है।
5. निष्कर्ष और आगे की दिशा
मुख्य निष्कर्ष
- भारत की साक्षरता दर अब 80.9% है, लेकिन लिंग और क्षेत्रीय असमानताएं मौजूद हैं।
- डिजिटल साक्षरता में PMGDISHA और केरल की उपलब्धि ऐतिहासिक है।
- साइबर साक्षरता की कमी नई चुनौतियाँ खड़ी कर रही है।
- PAL प्रोग्राम और Room to Read जैसी पहलें शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल बन रही हैं।
सुझाव
- लक्षित और क्षेत्रीय साक्षरता अभियान चलाए जाएं।
- डिजिटल और साइबर शिक्षा को व्यवहारिक बनाया जाए।
- लोक-निजी साझेदारी बढ़ाई जाए।
- महिलाओं, ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए विशेष कार्यक्रम लागू हों।
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अंतिम विचार
विश्व साक्षरता दिवस 2025 हमें यह सिखाता है कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि यह डिजिटल और साइबर युग का भी अभिन्न हिस्सा है।
भारत तभी सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा जब हर नागरिक—चाहे ग्रामीण हो या शहरी, महिला हो या पुरुष—साक्षर और डिजिटल रूप से सक्षम बनेगा।